नई दिल्ली। विदेश मंत्री डॉ. एस. जयशंकर ने सोमवार को मार्शल द्वीप समूह में 4 सामुदायिक विकास परियोजनाओं को वित्तपोषित करने के लिए एक समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर समारोह के दौरान एकजुटता और सहयोग का संदेश दिया। इन परियोजनाओं के तहत भारत मार्शल द्वीप गणराज्य में सामुदायिक खेल केंद्र, एयरपोर्ट टर्मिनल, सामुदायिक भवन का निर्माण करेगा।
विदेश मंत्री ने इस संदेश का एक वीडियो सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर साझा किया, जिसमें उन्होंने भारत प्रशांत द्वीप समूह सहयोग मंच (एफआईपीआईसी) के तहत द्विपक्षीय संबंधों के विस्तार पर प्रकाश डालते हुए कहा कि भारत और मार्शल द्वीप समूह के बीच मैत्रीपूर्ण द्विपक्षीय संबंधों का एक लंबा इतिहास रहा है, जो पिछले कुछ सालों में भारत प्रशांत द्वीप समूह सहयोग मंच के तत्वावधान में विस्तारित हुआ है।
उन्होंने तीसरे एफआईपीआईसी शिखर सम्मेलन के दौरान प्रशांत द्वीप समूह के प्रति प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की प्रतिबद्धता को याद करते हुए कहा प्रशांत क्षेत्र के द्वीप छोटे द्वीप नहीं हैं, बल्कि बड़े महासागरीय देश हैं। हम सतत विकास की खोज में प्रशांत द्वीप समूह का समर्थन करना अपनी जिम्मेदारी समझते हैं।
जयशंकर ने परियोजनाओं के संभावित लाभों पर प्रकाश डालते हुए कहा कि ये निश्चित रूप से मार्शल द्वीप के लोगों को बेहतर बुनियादी ढांचा प्रदान करेंगे। प्रशांत द्वीप देशों के सामने आने वाली चुनौतियों के बारे में बोलते हुए, उन्होंने जलवायु परिवर्तन, प्राकृतिक आपदाओं, गरीबी उन्मूलन और स्वास्थ्य सेवा जैसे आम मुद्दों को संबोधित करने के लिए भारत की प्रतिबद्धता पर जोर दिया।
विदेश मंत्री ने कहा जलवायु परिवर्तन, प्राकृतिक आपदाएं, गरीबी उन्मूलन और स्वास्थ्य सेवा आम चुनौतियां हैं, जिनका हमें मिलकर समाधान करना चाहिए और भारत को इस संबंध में प्रशांत द्वीप समूह का भागीदार होने का सौभाग्य प्राप्त है।
(रिपोर्ट. शाश्वत तिवारी)