कोलंबो। भारत और श्रीलंका के बीच यात्री नौका सेवा शुक्रवार से फिर से शुरू हो गई है। इस पैसेंजर फेरी की शुरुआत पिछले साल अक्टूबर में भारत के नागपट्टिनम और श्रीलंका के कांकेसंथुराई के बीच की गई थी, जिसे मानसून के कारण एहतियात के तौर पर निलंबित कर दिया गया था।
कांकेसंथुराई उत्तरी प्रांत जाफना के पास है। शिवगंगा नौका पर यह यात्री सेवा निजी ऑपरेटर इंडश्री फेरी सर्विसेज द्वारा संचालित है। इससे नागपट्टिनम और कांकेसंथुराई के बीच की दूरी लगभग 4 घंटे में तय की जा सकती है। यह नौका सेवा भारत और श्रीलंका के बीच समुद्री संपर्क बढ़ाकर आपसी संबंधों को मजबूत करने की एक पहल है।
कोलंबो स्थित भारतीय उच्चायोग ने सोशल मीडिया ‘एक्स’ पर लिखा नागपट्टिनम-कांकेसंथुराई नौका सेवा फिर से शुरू! नौका ‘शिवगंगा’ ने नागपट्टिनम से केकेएस तक अपनी पहली यात्रा पूरी की, जो समुद्री संपर्क बढ़ाने, पी2पी संबंधों को बढ़ावा देने और आर्थिक सहयोग को बढ़ावा देने के माध्यम से संबंधों को मजबूत करने में एक महत्वपूर्ण कदम है।
भारतीय उच्चायोग ने एक बयान में कहा नौका सेवा की यह बहाली भारत और श्रीलंका के बीच समुद्री संपर्क बढ़ाने के व्यापक प्रयास का प्रमाण है। यात्रियों के लिए सेवा को और अधिक किफायती बनाने के लिए, भारत सरकार ने नागपट्टिनम बंदरगाह पर प्रासंगिक शुल्क और परिचालन लागत को कवर करने के लिए, एक वर्ष की अवधि के लिए प्रति माह 25 मिलियन एलकेआर से अधिक की वित्तीय सहायता प्रदान करने का निर्णय लिया है।
बता दें कि भारत सरकार ने केकेएस बंदरगाह के पुनर्वास के लिए श्रीलंका सरकार को 63.65 मिलियन अमेरिकी डॉलर की अनुदान सहायता भी दी है, जिसे पहले ऋण सहायता के तहत किए जाने की परिकल्पना की गई थी। यह भारत की ‘पड़ोसी प्रथम’ नीति की प्रतिबद्धता को भी दर्शाता है। भारत श्रीलंका के आर्थिक सुधार और इसकी प्रगति एवं समृद्धि के लिए विभिन्न क्षेत्रों में लगातार मदद कर रहा है।
(रिपोर्ट. शाश्वत तिवारी)