प्रयागराज। वतन से इश्क़ अमन चैन और मोहब्बत ए हिन्द का जज़्बा लेकर करबला की सरज़मीन पर भारतीय ज़ायरीन जहां हुसैन ए मज़लूम के रौज़े की ज़ियारत दिल मे पाल कर सात समुंदर पार अरबईन पर इरान व इराक़ गए हैं तो कई ऐसे युवा व युवतियां जहां एक हांथ में काला लाल या सफेद झंडा लेकर करबला तक का नब्बे किलोमीटर तक का फासला तय कर रहे हैं वहीं दूसरे हांथ में भारतीय तिरंगा भी पकड़े शान से लहराते हुए पैदल की थकान को दरकिनार कर जज़बा ए हिन्द दिखाते हुए पहुंच रहे हैं।
इन्तज़ार मेंहदीं जो प्रयागराज से हैं वह इन नौजवानों के क़ाफला सालार हैं।मेंहदी ने वहां के हालात से रुबरु कराते हुए बताया की नजफ से करबला तक पहुंचने में लगभग तीन दिन पैदल सफर के बाद ही पहुंचना होता है।लेकिन पूरे रास्ते ठहरने से लेकर लोकल इरानी मर्द औरतें और बच्चे लोगों की खिदमत को लालायित रहते हैं।यहां तक कि पैर धुलाने पैर दबाने से लेकर जूता व चप्पल तक साफ करवाने का आग्रह करते हैं।वहीं जगहां जगहां पर स्वास्थ्य चेकअप कैम्प और हर क़दम पर खाने ,पानी से लेकर हर तरहां की चीज़ें लोग स्टाल व ट्रे में लेकर सड़कों के आस पास नज़र आते रहते हैं।
उनका कहना है कि इस वक्त सात करोड़ से ऊपर ज़ायरीन दुनिया भर से पहुंच चुके हैं और लगातार लोगों के आने का सिलसिला जारी है।मेडिकल कैम्प भी लगा है।जिसमें हिन्दुस्तान से डाक्टर ऐमन आब्दी जो नार्थ इंडिया से हैं।भारत से लगभग ३०० किलो मेडिसिन के साथ वहां पर हेल्थ कैम्प लगाए हैं।जहां ज़ायरीनों को मुफ्त इलाज व दवाई दी जा रही है। वरिष्ठ डाक्टर शहबाज़ जो मुम्बई से हैं उनके सुपरविजन में चेकअप कैंप संचालित हो रहा है।यह सारी खिदमत इमाम ए अस्र सोसायटी की ओर से संचालित हो रही है।
सैय्यद वैज़ रिज़वी व सैय्यद वक़ार हैदर रिज़वी भी ज़ायरीनों की मदद और ज़ियारत को वहां पर मौजूद हैं।इस वर्ष क़ाफले में मौलाना डा.सैय्यद असग़र,महमूद नक़वी,आयतुल्ला सैय्यद मोहम्मद मेंहदी तबातबाई अलहसनी,सारा नक़वी,सय्यदा जोहरा मेंहदी देहली से नजफ पहुंचने वालों में शामिल हैं वहीं नजफ से कर्बला तक का नब्बे किलो मीटर का फासला पैदल चल कर रौज़ा ए इमाम हुसैन पर आज मनाए जा रहे चेहल्लुम पर पहुंच गए।