सुमित गोस्वामी
मथुरा। महानगर की मॉडल मार्केट में फुटपाथिया पार्किंग रोड बन रही हैं। हाल फिलहाल जिम्मेदारों के पास इसका कोई स्थाई इलाज नहीं है, जिस तरह से महानगर में कमर्शियल बहुमंजिला इमारतें लगातार खडी हो रही हैं, उससे यह समस्या गहराती जा रही है। महानगर में करोड़ों रुपये खर्च कर ट्रैफिक लाइट लगाने के बाद उम्मीद थी कि यातायात व्यवस्था पटरी पर आ जाएगी।
मगर, शहर के प्रमुख मार्ग, चौराहों होटल और हास्पिटल के सामने फुटपाथों पर अवैध पार्किंग के कारण जाम लगा रहता है। लोगों का कहना है कि यह स्थायी हल नहीं। शहर में स्थायी पार्किंग जरूरी हैं। फुटपाथ से पार्किंग को हटाना यातायात और नगर निगम के लिए चुनौती जैसा हो गया है। ये होटल और मार्केट रसूखदार लोगों की हैं। इनकी पहुंच भी ऊपर तक है तो उनसे किसी की हिम्मत नहीं होती कि उनकी पार्किंग को हटा सकें। ऐसे में स्मार्ट सिटी का सपना केवल एक सपने जैसा लग रहा है।
कृष्णा नगर मार्केट हो या नया बस स्टेंड मार्ग इन मार्ग को मॉडल मार्केट के रूप स्थायी करने का जो ख़्वाब प्रशासन ने देख रखा है, पार्किंग इसमें बडा रोडा बन सकती है। कृष्णा नगर में कई नर्सिंग होम और क्लिनिक की अवैध पार्किंग फुटपाथ पर ही बनी हुई है। वहीं भूतेश्वर तिराहे से लेकर स्टेट बैंक चौराहा तक कई होटल स्वामियों ने फुटपाथ को पार्किंग के नाम पर घेर रखा है। यातायात और निगम का डंडा केवल ठेल ढकेल तक ही सीमित रहता है। शहर में कितना बड़ा आयोजन हो लेकिन इन रसूखदारों होटल और हास्पिटल की पार्किंग को हटाने की हिम्मत कोई नही जुटा पाता।