प्रतापगढ़: प्रतापगढ़ में 6 सितंबर को विकास भवन सभागार में 21वीं पशुगणना के लिए एक दिवसीय प्रशिक्षण कार्यशाला का आयोजन किया गया। इस कार्यशाला में जिले के तीन तहसीलों—सदर, पट्टी, और रानीगंज—के 135 गणनकर्ताओं और सुपरवाइजरों ने भाग लिया। मुख्य विकास अधिकारी डा. दिव्या मिश्रा ने उद्घाटन करते हुए उत्तर प्रदेश के विशाल पशुधन का उल्लेख किया और कहा कि पशुगणना के डेटा का उपयोग भविष्य की योजनाओं और नीतियों को तैयार करने में महत्वपूर्ण होगा।
मुख्य पशु चिकित्साधिकारी डा. प्रदीप कुमार ने सही आंकड़ों की अहमियत पर जोर दिया, जबकि नोडल अधिकारी डा. रवि प्रकाश सिंह ने बताया कि यह गणना हर पांच साल में होती है, जिसमें सभी घरों और संस्थानों में पशुओं की प्रजातियों का विश्लेषण किया जाता है। 21वीं पशुगणना में एंड्रॉइड एप का उपयोग किया जाएगा, जिससे आंकड़ों की सटीकता सुनिश्चित की जाएगी।