भारत-रूस साझेदारी से वैश्विक विकास को मिलेगा बढ़ावा: डॉ. जयशंकर

मुंबई : मुंबई में आयोजित भारत-रूस व्यापार मंच के दौरान विदेश मंत्री डॉ. एस. जयशंकर ने भारत और रूस के बीच बढ़ती साझेदारी की सराहना की और इसे दोनों देशों और वैश्विक अर्थव्यवस्था के लिए लाभकारी बताया। उन्होंने कहा कि भारत और रूस की अर्थव्यवस्थाएं एक-दूसरे के पूरक हैं, और भारत की 8 प्रतिशत विकास दर और रूस का प्रौद्योगिकी क्षेत्र दोनों देशों के रिश्तों को और मजबूत बना रहे हैं। इस साझेदारी से न केवल द्विपक्षीय व्यापार में वृद्धि होगी, बल्कि इससे वैश्विक अर्थव्यवस्था को भी एक सकारात्मक दिशा मिलेगी।

भारत-रूस व्यापार का लक्ष्य 2030 तक 100 अरब डॉलर
डॉ. जयशंकर ने अपने संबोधन में कहा कि वर्तमान में भारत और रूस का द्विपक्षीय व्यापार 66 अरब अमेरिकी डॉलर का है, और 2030 तक इसे 100 अरब डॉलर तक पहुंचाना एक यथार्थवादी लक्ष्य है। हालांकि, उन्होंने व्यापार संतुलन को सुधारने की आवश्यकता पर जोर दिया, क्योंकि वर्तमान में यह संतुलित नहीं है। इसके लिए उन्होंने गैर-टैरिफ और नियामक बाधाओं को दूर करने की आवश्यकता बताई। इसके अलावा, उन्होंने भारत-यूरेशियन आर्थिक संघ के बीच चल रही वार्ता और द्विपक्षीय निवेश संधि पर भी चर्चा की, जो दोनों देशों के व्यापार को और प्रगति देगा।

रूस-एशिया सहयोग से नए अवसर
डॉ. जयशंकर ने कहा कि रूस ने 2022 से एशिया की ओर अधिक ध्यान केंद्रित किया है, जिससे नए सहयोग के अवसर उत्पन्न हुए हैं। उन्होंने यह भी बताया कि दुनिया अब पहले से कहीं अधिक बहुध्रुवीयता की ओर बढ़ रही है, और इसके लिए दोनों देशों को मिलकर सहयोग के उचित तरीके तैयार करने की आवश्यकता है। इस बिजनेस फोरम में रूस के उप प्रधानमंत्री डेनिस मंटुरोव, मंत्री सर्गेई चेरेमिन और फिक्की के अध्यक्ष डॉ. अनीश शाह भी मौजूद थे, जिन्होंने इस साझेदारी को और मजबूत करने के प्रयासों पर विचार साझा किए।

AM News
Author: AM News

Leave a Comment

  • buzz4ai
  • upskillninja
  • AI Tools Indexer
जरूर पड़े