प्रोफेसर पाठक ने कहा कि उनका प्रयास है कि सीएसजेएमयू के छात्रों को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर शिक्षा और शोध के अवसर मिलें। पिछले वर्ष, उन्होंने अंतरराष्ट्रीय संबंध एवं अकादमिक सहयोग प्रकोष्ठ की स्थापना की थी, जिसने अब तक 20 विदेशी विश्वविद्यालयों के साथ एमओयू साइन किए हैं। इसके अलावा, इस सत्र में 10 विदेशी छात्र कानपुर विश्वविद्यालय में दाखिला ले चुके हैं।
समझौते के तहत, दोनों विश्वविद्यालयों के छात्र एक-दूसरे की संस्कृति को समझने और साझा शोध परियोजनाओं पर काम करने का मौका प्राप्त करेंगे, जिससे न केवल शैक्षिक विकास होगा, बल्कि दोनों देशों के बीच सांस्कृतिक संबंध भी प्रगाढ़ होंगे। इस्तांबुल विश्वविद्यालय के रेक्टर प्रोफेसर जुल्फिकार ने इसे एक नए युग की शुरुआत बताया और भारत के साथ शिक्षा तथा संस्कृति के क्षेत्र में सहयोग को लेकर उत्साह व्यक्त किया।
इस अवसर पर भारतीय विश्वविद्यालय संघ की महासचिव डॉ. पंकज मित्तल और प्रोफेसर आरती श्रीवास्तव भी मौजूद थीं। दोनों विश्वविद्यालयों के बीच इस महत्वपूर्ण समझौते को लेकर प्रोफेसर गौस मशकूर खान ने अहम भूमिका निभाई।