कानपुरः पारस हेल्थ, कानपुर ने 12 वर्षीय लड़की में सुपीरियर मेसेंटेरिक आर्टरी एसएमए सिंड्रोम के एक बहुत ही दुर्लभ और गंभीर केस का सफल इलाज किया है। इस केस में लड़की कई महीनों से गंभीर पाचन संबंधी समस्याओं से जूझ रही थी। इससे पहले लड़की में अल्सरेटिव कोलाइटिस का डायग्नोसिस किया गया था। लड़की बार-बार इस वीमारी की चपेट में आ रही थी, जिसके कारण उसका वजन 9 किलो कम हो गया था और उसे लगातार उल्टी होती जा रही थी। कई अन्य जगहों पर इलाज कराने के बाद उसमें थोड़ा सुधार हुआ, इसके बाद उसके परिवार वालों ने उसे स्पेसिलाइज्ड देखभाल के लिए पारस हेल्थ, कानपुर में भर्ती कराया।
एसएमए सिड्रोम एक दुर्लभ बीमारी है जिसमें डुओडेनम (छोटी आंत का पहला भाग जो पेट से जुड़ता है) पेट की महाधमनी (एओर्टा), शरीर की सबसे बड़ी आर्टरी और सुपीरियर मेसेंटेरिक आर्टरी के बीच दव जाती है। एस एम ए एक सुपीरियर आर्टरी होती है जो आंतों और अग्न्याशय को खून और पोषक तत्व प्रदान करती है। यह कंप्रेशन पाचन तंत्र के माध्यम से भोजन और तरल पदार्थों के मार्ग को ब्लॉक कर सकता है, जिससे गंभीर पाचन समस्याएं होती है और मरीज कुपोषित हो सकता है। लड़की लगातार उल्टी कर रही थी और उसे पेट दर्द हो रहा था, जिससे डॉक्टरों को लगा कि हो न हो उसे सिंड्रोम है। पारस हेल्थ में किए गए सीटी एंजियोग्राम ने सिंड्रोम डायग्नोसिस की पुष्टि की। इस डायग्नोसिस में एओर्टा और एस एम ए के बीच 18 डिग्री का असामान्य रूप से संकीर्ण कोण दिखाई दिया। हालाँकि फीडिंग ट्यूब के माध्यम से उसका वजन बढ़ाने में मदद करने के लिए पहले भी प्रयास किए जा चुके थे, लेकिन वह इसे बर्दाश्त नहीं कर पाई, और उसे उल्टी और बेचैनी का अनुभव होता रहा। मेडिकल टीम ने मरीज के परिवार को इलाज के कई विकल्प बताए। अंत में डॉक्टरों ने एंडोस्कोपिक अल्ट्रासाउंड गाइडेड गैस्ट्रोजेजुनोस्टॉमी कराने का सुझाव दिया।