जैनुल आब्दीन
उन्होंने बताया की गांव में मजदूरों को रोजगार देने के साथ ही गांव के विकास में पिछले 18 वर्षों से अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाला रोजगार सेवक सरकार की उपेक्षा का शिकार है। उन्होंने रोजगार सेवकों को नियमित कर राज्य कर्मचारी का दर्जा देने की मांग की। धरने का नेतृत्व कर रहे। संगठन के प्रदेश उपाध्यक्ष राकेश पटेल ने कहा की पिछले 9 वर्षों से रोजगार सेवकों का ईपीएफ काटा जा रहा है परन्तु काटी गई धनराशि को आज तक यूएएन खाते में जमा नहीं किया गया। इतने दिनों से काटी गई धनराशि कहा जा रही है इस पर अधिकारी भी कुछ बोलने को तैयार नहीं है।
उन्होंने नियमितिकरण तक रोजगार सेवकों को 30000 रुपए प्रतिमाह देने की मांग की। मंडल अध्यक्ष विजय चन्द्र विश्वकर्मा ने बताया की अगर हमारी मांगों पर सहानुभूतिपूर्वक विचार नहीं किया गया तो प्रदेश के रोजगार सेवक लखनऊ में आदोलन करेंगे।धरने का संचालन नुरूद्दीन हाशमी ने किया। मौके पर अशोक कुमार सिंह,सुनील तिवारी,हरिओम प्रकाश सुमन सरोज,मानसिंह, फूलसागर यादव, अनिल पांडेय, संतकुमार,संगम लाल यादव, सुरेश चन्द्र विष्णु स्वर्णकार पंकज पटेल, राजीव यादव,विरेन्द्र गौतम,दिलीप विश्वकमी,संतलाल गुप्ता सहित भारी संख्या में ग्राम रोजगार सेवक मौजूद रहे।