कार्यकर्ताओं ने मुख्यमंत्री को संबोधित ज्ञापन सौंपते हुए मांग की कि सरकारी जमीनें भूमाफियाओं से मुक्त कराई जाएं और भूमिहीनों को आवासीय और कृषि पट्टा दिया जाए। प्रदर्शन में शामिल समर्थकों ने जोरदार नारेबाजी करते हुए कहा कि “धन धरती अब बंटकर रहेगी, भूखी जनता चुप नहीं रहेगी।” उन्होंने बताया कि पिछले वर्ष दो बार मुख्यमंत्री को प्रार्थना पत्र भेजा गया था, लेकिन कार्यवाही में कोई प्रगति नहीं हुई है। यदि नवंबर 2024 तक कोई कार्रवाई नहीं हुई, तो 26 जनवरी 2025 को हजारों भूमिहीन खेतिहर मजदूर लखनऊ में अनिश्चितकालीन आमरण अनशन पर बैठने के लिए बाध्य होंगे।
